राकेश टिकैत पर जनता का गुस्सा: भारत विरोधी बयान पर घेरा, पुलिस ने बचाया

 **राकेश टिकैत पर जनता का गुस्सा: भारत विरोधी बयान पर घेरा, पुलिस ने बचाया*

मुजफ्फरनगर, 2 मई 2025: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को आज मुजफ्फरनगर में जनता के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। आरोप है कि टिकैत ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने हमले के पीछे की साजिश को लेकर भारत के भीतर ही सवाल उठाए थे। इस बयान से नाराज स्थानीय लोगों ने टिकैत को जन आक्रोश रैली के दौरान घेर लिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रैली के दौरान गुस्साए लोगों ने टिकैत के खिलाफ नारेबाजी की और उन पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान टिकैत की पगड़ी गिर गई, और उनके सिर पर झंडे से वार किया गया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और टिकैत को सुरक्षित बाहर निकाला। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण टिकैत को किसी गंभीर चोट से बचाया जा सका।

**विवाद का कारण बना बयान**  

राकेश टिकैत ने 28 अप्रैल को करनाल में पहलगाम आतंकी हमले पर बोलते हुए कहा था, "इस घटना से किसे फायदा हो रहा है? चोर पाकिस्तान में नहीं, बल्कि यहीं हमारे बीच है।" इस बयान को कई लोगों ने भारत विरोधी और आपत्तिजनक माना, जिसके बाद सोशल मीडिया पर #राकेश_टिकैत_को_गिरफ्तार_करो जैसे ट्रेंड भी देखे गए। टिकैत के इस बयान की चौतरफा निंदा हुई, और बीजेपी नेताओं ने इसे शर्मनाक करार देते हुए माफी की मांग की।

**टिकैत का पक्ष**  

घटना के बाद राकेश टिकैत ने कहा, "मेरा बयान तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। हम देश के साथ हैं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। कुछ लोग जानबूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी दावा किया कि यह हमला सुनियोजित था और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।

**पुलिस की कार्रवाई**  

मुजफ्फरनगर पुलिस ने घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया, "स्थिति अब नियंत्रण में है। हमले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है, और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" पुलिस ने टिकैत को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

**राजनीतिक प्रतिक्रियाएं**  

घटना के बाद बीजेपी नेता ओपी यादव ने कहा, "राकेश टिकैत का बयान देश की भावनाओं के खिलाफ था। जनता का गुस्सा स्वाभाविक है। उन्हें अपने शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए।" वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।

**पृष्ठभूमि**  

राकेश टिकैत लंबे समय से किसान आंदोलनों के प्रमुख चेहरा रहे हैं। 2020-21 के किसान आंदोलन में उनकी भूमिका ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। हालांकि, उनके हालिया बयानों ने उन्हें विवादों में ला दिया है। इससे पहले भी उनके भाई नरेश टिकैत के सिंधु जल संधि को लेकर दिए गए बयान पर विवाद हो चुका है, जिसके बाद नरेश ने माफी मांगी थी।

यह घटना एक बार फिर राकेश टिकैत को सुर्खियों में ला सकती है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की संभावना है।

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