अजादपुर भडोला गांव में उत्साह, सिसोदिया राजपूत समाज ने किया भव्य आयोजन
दिल्ली के अजादपुर भडोला गांव में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश संगठन महामंत्री दीपक चौहान और उनकी टीम को सिसोदिया राजपूत समाज ने सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया। कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान की गाथाओं ने उपस्थित लोगों में जोश भर दिया।
सम्मान समारोह में दीपक चौहान ने अपने संबोधन में महाराणा प्रताप की वीरता को याद करते हुए भारतीय सेना के पराक्रम की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, "जिस तरह महाराणा प्रताप ने मुगलों को धूल चटाई और बेहलोल खान को एक ही वार में घोड़े समेत काट डाला, उसी शौर्य के साथ आज हमारी सेना आतंकवादियों का सफाया कर रही है।"
चौहान ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर चल रहे तनाव का जिक्र करते हुए कहा, "पाकिस्तान के साथ जो युद्ध छिड़ा है, उसका हमारे सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाएगा।" उन्होंने देशवासियों से सेना और सरकार के साथ एकजुटता की अपील की और कहा, "यह समय स्वाभिमान और एकता का है। हर देशवासी को भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए।" उनके इस बयान ने उपस्थित लोगों में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी।
सिसोदिया राजपूत समाज ने दीपक चौहान और उनकी टीम को समाज सेवा, युवा सशक्तिकरण और राजपूत संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर राजेंद्र सिसोदिया, मोहित सिसोदिया, सिद्धार्थ राजपूत सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
राजेंद्र सिसोदिया ने कहा, "दीपक चौहान और करणी सेना समाज में एकता और सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं। महाराणा प्रताप का जीवन हमें कर्तव्य और स्वाभिमान की प्रेरणा देता है।"
महाराणा प्रताप, जिनका जन्म 9 मई 1540 को मेवाड़ के कुंभलगढ़ किले में हुआ था, भारतीय इतिहास में स्वाभिमान और वीरता के प्रतीक हैं। उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की अधीनता कभी स्वीकार नहीं की और हल्दीघाटी के युद्ध में अपनी छोटी सेना के साथ मुगलों को कड़ी चुनौती दी। उनके घोड़े चेतक की वफादारी और बलिदान की कहानी आज भी हर भारतीय के दिल में बसी है।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना लंबे समय से सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय है। संगठन ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और युवा सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दीपक चौहान ने कहा, "हमारा लक्ष्य केवल राजपूत समाज तक सीमित नहीं है। हम सनातन संस्कृति और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
चौहान ने अपने बयान में ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए इसे भारतीय सेना की रणनीतिक उपलब्धि बताया। हालांकि, इस ऑपरेशन की आधिकारिक जानकारी सीमित है, लेकिन चौहान ने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत स्थिति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "हमारी सेना न केवल सीमा पर बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत का गौरव बढ़ा रही है।"
करणी सेना ने भविष्य में सामाजिक कार्यों को और विस्तार देने की योजना बनाई है। दीपक चौहान ने बताया कि संगठन जल्द ही युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन, और महाराणा प्रताप की प्रतिमाओं को स्थापित करने जैसे प्रोजेक्ट शुरू करेगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, करणी सेना के कार्यकर्ता, और सिसोदिया राजपूत समाज के सदस्य शामिल हुए। महाराणा प्रताप की जयंती का यह आयोजन न केवल उनकी वीरता को श्रद्धांजलि था, बल्कि वर्तमान समय में देश की एकता और सैन्य शक्ति को रेखांकित करने का भी एक मंच बना।
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