नोएडा गिझौड़ गांव में लोकेंद्र सिंह कालवी जयंती पर राजपूत समाज की एकजुटता
इस मौके पर राजपूत समाज के अनेक लोग शामिल हुए और सभी ने एक सुर में कालवी जी को याद करते हुए समाज को नई दिशा देने का संकल्प लिया।
लोकेंद्र सिंह कालवी का संघर्ष और समाज में योगदान
स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह कालवी का नाम जब भी लिया जाता है, तो लोगों की आंखों के सामने राजपूत समाज की आवाज और अस्मिता की लड़ाई का चित्र उभर आता है। उन्होंने करणी सेना की नींव रखकर समाज को एकजुट करने का काम किया। चाहे वह राजस्थान हो, उत्तर प्रदेश हो या देश का कोई भी कोना, जहां भी करणी सेना की बात उठती है, वहां कालवी जी का नाम आदर के साथ लिया जाता है।
उनका सपना था—युवा पीढ़ी अपनी जड़ों से जुड़े, समाज में शिक्षा और संगठन का प्रसार हो, और हर वर्ग की आवाज बुलंद हो। आज उनकी जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने इन्हीं मूल्यों को दोहराया।
कार्यक्रम की झलकियाँ
गिझौड़ गांव में सुबह से ही तैयारियां जोरों पर थीं। मंच पर करणी सेना का बैनर लहराता नजर आ रहा था और मंचासीन नेता, युवा और कार्यकर्ता कालवी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दे रहे थे।
इस मौके पर मौजूद रहे:
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ठाकुर विपिन सिंह सूर्यवंशी
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क्षत्रिय करणी सेना उत्तर प्रदेश प्रवक्ता मुकेश आकाश
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सोनू, गौरव, सुमित, आलोक, साहिल, शुभम, राहुल, अमित, विशाल, राजन, मोहित, मनदी
सभी ने एक-एक कर अपने विचार रखे और समाज की एकता पर जोर दिया।
ठाकुर संग्राम सिंह चौहान का नेतृत्व
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थे ठाकुर संग्राम सिंह चौहान, जो इस समय करणी सेना युवा जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कालवी जी सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने समाज के इतिहास, परंपरा और मूल्यों को समझें और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें। उनका कहना था कि यदि समाज शिक्षित होगा तो वह न केवल अपना अधिकार पा सकेगा, बल्कि देश की तरक्की में भी योगदान देगा।
वक्ताओं के विचार
ठाकुर विपिन सिंह सूर्यवंशी ने कहा कि करणी सेना का असली उद्देश्य समाज में जागरूकता और एकता लाना है। यह संगठन किसी जाति विशेष की सीमाओं में बंधा नहीं बल्कि पूरे देश की अस्मिता से जुड़ा हुआ है।
मुकेश आकाश (प्रवक्ता, करणी सेना उत्तर प्रदेश) ने इस मौके पर कहा कि आज के समय में संगठन की ताकत सबसे बड़ी पूंजी है। यदि हम एकजुट होंगे तो हमारी आवाज शासन और प्रशासन तक पहुंचेगी।
युवाओं—सोनू, गौरव, सुमित, आलोक, साहिल, शुभम, राहुल, अमित, विशाल, राजन, मोहित और मनदी ने भी मंच से समाज के उत्थान और करणी सेना को मजबूत करने का संकल्प लिया।
लोकल एंगल – गिझौड़ गांव का महत्व
गिझौड़ गांव, जो नोएडा के सेक्टर 53 में स्थित है, अपने आप में ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टि से खास महत्व रखता है। यहां की युवा आबादी काफी सक्रिय है और हर सामाजिक-राजनीतिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है।
आज जब गिझौड़ गांव करणी सेना के इस आयोजन का गवाह बना, तो यह संदेश भी साफ गया कि शहरीकरण के बीच गांव की संस्कृति और समाज की एकजुटता अब भी जीवित है।
मेरा एनालिसिस (पत्रकार की नजर से)
अगर इस पूरे आयोजन को एक बड़े फ्रेम में देखें तो यह सिर्फ जन्म जयंती मनाने का कार्यक्रम नहीं था। यह एक राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी था।
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युवा शक्ति का संदेश – मंच पर अधिकतर युवा कार्यकर्ता मौजूद थे। यह बताता है कि करणी सेना अब अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंप रही है।
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संगठन का विस्तार – नोएडा जैसे बड़े शहर में गांव-गांव तक संगठन की मौजूदगी समाज की बढ़ती एकजुटता का संकेत देती है।
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सांस्कृतिक जुड़ाव – कालवी जी की विचारधारा को स्थानीय स्तर पर जीवित रखना बताता है कि समाज अपनी जड़ों को नहीं भूल रहा।
अगर आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रम लगातार होते रहे तो न केवल करणी सेना मजबूत होगी बल्कि युवा भी अपने समाज और इतिहास को गहराई से समझेंगे।
सोशल मैसेज
आज जब समाज तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, तब जरूरी है कि हम अपने पूर्वजों और उनके संघर्षों को याद रखें। लोकेंद्र सिंह कालवी जी ने जिस साहस और संगठन की मिसाल पेश की, वह आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है।
साथ ही, यह कार्यक्रम हमें यह भी सिखाता है कि सामाजिक एकता ही असली ताकत है। चाहे शिक्षा हो, राजनीति हो या समाज सेवा—यदि हम मिलकर काम करें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं।
निष्कर्ष
नोएडा के गिझौड़ गांव में आयोजित इस कार्यक्रम ने साफ कर दिया कि समाज अपने नेताओं को याद रखता है और उनकी राह पर चलने के लिए तैयार है। स्वर्गीय लोकेंद्र सिंह कालवी जी की जन्म जयंती पर दिया गया यह संदेश आने वाले समय में समाज को नई दिशा देगा।
कार्यक्रम का समापन “जय राजपूताना, जय करणी सेना” के नारों के साथ हुआ।
लेखक: कुलदीप चौहान, पत्रकार (नोएडा)