चिल्ला गांव में हरियाली की नई लहर: आरडब्ल्यूए जन कल्याण समिति ने चलाया वृक्षारोपण अभियान

 

चिल्ला गांव में हरियाली की नई लहर: आरडब्ल्यूए जन कल्याण समिति ने चलाया वृक्षारोपण अभियान

पत्रकार: कमल प्रजापति
स्थान: चिल्ला गांव, पूर्वी दिल्ली | दिनांक: 20 जुलाई 2025

पूर्वी दिल्ली के ऐतिहासिक चिल्ला गांव में एक बार फिर हरियाली की पहल देखने को मिली, जब आरडब्ल्यूए जन कल्याण समिति द्वारा वार्षिक वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। चिल्ला गांव, जो दिल्ली के सबसे पुराने और घनी आबादी वाले शहरी ग्रामों में गिना जाता है, आज तेजी से शहरीकरण की चपेट में आने के बावजूद अपनी सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता के लिए जाना जाता है।

सैकड़ों पेड़, सैकड़ों उम्मीदें

हर वर्ष की भांति इस बार भी समिति ने मानसून का लाभ उठाते हुए गांव और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों पेड़ लगाए। इसमें पीपल, नीम, अमलतास, जामुन, कचनार जैसे छायादार और औषधीय गुणों से भरपूर वृक्षों को प्राथमिकता दी गई।

एडवोकेट रोबिन सिंह का प्रेरक संदेश

कार्यक्रम में उपस्थित एडवोकेट रोबिन सिंह ने कहा,

“आज दिल्ली जिस वायु संकट से गुजर रही है, उससे उबरने के लिए हमें न सिर्फ सरकार पर निर्भर रहना होगा, बल्कि स्वयं भी जिम्मेदारी निभानी होगी। हर नागरिक यदि सिर्फ एक पेड़ भी लगाए और उसकी देखभाल करे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए हम एक स्वच्छ सांस छोड़ सकते हैं।”

हितेंद्र डेढ़ा: एक सामाजिक सोच के वाहक

आरडब्ल्यूए के उपाध्यक्ष हितेंद्र डेढ़ा ने बताया कि उनकी संस्था वर्षों से यह अभियान चला रही है, लेकिन इस बार इसे केवल कार्यक्रम न मानकर ‘जन आंदोलन’ के रूप में देखा जाना चाहिए।

“दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने स्थिति गंभीर कर दी है। अगर अब भी हम नहीं जागे तो हालात और बदतर हो जाएंगे। हमारी समिति चाहती है कि इस मुहिम में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ें और इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाएं।”

चिल्ला गांव की पहचान

चिल्ला गांव, जो मयूर विहार फेज-1 और दिल्ली-नोएडा सीमा के पास स्थित है, एक समय में पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र था। अब यह आधा शहरी, आधा ग्रामीण रूप ले चुका है। यहां की जनसंख्या मिश्रित है—पूर्वांचल, हरियाणा, पश्चिमी यूपी, बिहार और दिल्ली के मूल निवासियों का संगम यहां देखा जा सकता है।

गांव की गलियों में अभी भी पारंपरिक जीवन शैली की झलक मिलती है, वहीं युवा वर्ग आधुनिक सोच के साथ शिक्षा, रोजगार और सामाजिक कार्यों में आगे बढ़ रहा है।

समाजसेवी भी हुए शामिल

कार्यक्रम में रामपाल, राहुल कपासिया, कमल, ज्ञानदत्त पांडेय और जोगिंदर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और अपने हाथों से पेड़ लगाकर पर्यावरण सुरक्षा की मिसाल पेश की।


सामाजिक संदेश: पेड़ लगाएं, जीवन बचाएं

इस वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि यदि हमें दिल्ली को फिर से सांस लेने लायक बनाना है, तो सिर्फ बातों से नहीं, कार्यों से बदलाव लाना होगा। यह पहल सिर्फ एक गांव या संस्था की नहीं, बल्कि पूरे समाज की होनी चाहिए।

"वृक्ष केवल हरियाली नहीं, जीवन का आधार हैं। एक पेड़, एक सांस – यही हमारा संकल्प हो।"


रिपोर्ट: कमल प्रजापति, dainikpadtaal.com | स्थान: चिल्ला गांव, पूर्वी दिल्ली

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