शर्मिष्ठा पनोली गिरफ्तारी: ऑपरेशन सिंदूर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला

 शर्मिष्ठा पनोली गिरफ्तारी: ऑपरेशन सिंदूर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला


पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम, हरियाणा से 30 मई 2025 को गिरफ्तार किया। उन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट में कथित तौर पर आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी करने का आरोप है। यह घटना सोशल मीडिया पर व्यापक विवाद का कारण बनी, जिसके बाद शर्मिष्ठा ने माफी मांगी, लेकिन कानूनी कार्रवाई से बच नहीं सकीं।

क्या है मामला?
शर्मिष्ठा पनोली, जो पुणे के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल में चौथे वर्ष की छात्रा हैं और एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं, ने 14 मई 2025 को इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी करते हुए बॉलीवुड हस्तियों की चुप्पी की आलोचना की थी। वीडियो में कथित तौर पर एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां थीं, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान शामिल थे। यह वीडियो एक पाकिस्तानी फॉलोअर के सवाल के जवाब में बनाया गया था, जो अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठा रहा था।

वीडियो के वायरल होने के बाद, इसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और शर्मिष्ठा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कुछ यूजर्स ने धमकी भरे संदेश भी भेजे, जिसके बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो हटा लिया और सार्वजनिक माफी मांगी।

कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी

  • एफआईआर दर्ज: कोलकाता के गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में 15 मई 2025 को शर्मिष्ठा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। कुछ स्रोतों के अनुसार, पुणे के विमानतल पुलिस स्टेशन में भी उनके खिलाफ एक अन्य एफआईआर (BNS-196(1)(A), 299, 353(2)) दर्ज की गई।
  • नोटिस और गिरफ्तारी: पुलिस ने शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कानूनी नोटिस भेजने की कई कोशिशें कीं, लेकिन वे कथित तौर पर फरार हो गए। इसके बाद, कोलकाता की एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 30 मई 2025 को कोलकाता पुलिस की एक टीम ने गुरुग्राम में शर्मिष्ठा को ट्रैक कर गिरफ्तार किया। उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया और 31 मई को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया।
  • अदालत का फैसला: अलीपुर कोर्ट ने शर्मिष्ठा की जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें 13 जून 2025 तक 13 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
शर्मिष्ठा की माफी
विवाद के बाद, शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी कर माफी मांगी। उन्होंने लिखा:
"मैं बिना शर्त माफी मांगती हूं। जो कुछ भी मैंने कहा या लिखा, वह मेरी निजी भावनाएं थीं। मेरा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची, तो मैं इसके लिए खेद प्रकट करती हूं। मैं भविष्य में अपने पोस्ट में सावधानी बरतूंगी।"
हालांकि, उनकी माफी के बावजूद, कानूनी कार्रवाई जारी रही, क्योंकि शिकायत पहले ही दर्ज हो चुकी थी।

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा 7 मई 2025 को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में शुरू किया गया एक बड़ा आतंकवाद-रोधी अभियान था। यह अभियान अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन को लेकर देशभर में चर्चा थी, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे नारी शक्ति का प्रतीक बताते हुए बीएसएफ की महिला कर्मियों की भूमिका की सराहना की थी।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी के बाद, सोशल मीडिया पर दो धड़ों में बहस छिड़ गई:
  • समर्थन में: कुछ यूजर्स ने #ReleaseSharmistha और #IStandWithSharmistha जैसे हैशटैग के साथ उनके समर्थन में आवाज उठाई। इनका कहना था कि शर्मिष्ठा को उनकी देशभक्ति भरी टिप्पणियों के लिए निशाना बनाया गया और पुलिस ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की।
  • विरोध में: दूसरी ओर, कुछ समूहों, जैसे AIMIM नेता वारिस पठान और अन्य संगठनों ने, शर्मिष्ठा की टिप्पणियों को आपत्तिजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किए।
विवादास्पद बिंदु
  • पुलिस कार्रवाई पर सवाल: कुछ सोशल मीडिया यूजर्स और कार्यकर्ताओं, जैसे सुनीना होले, ने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस के पास उचित दस्तावेज या वारंट नहीं थे। उन्होंने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई बताया।
  • चुनिंदा कार्रवाई का आरोप: बीजेपी नेता सुवendu अधिकारी ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अन्य मामलों, जैसे ममता बनर्जी की सरकार में टीएमसी सांसदों द्वारा की गई टिप्पणियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • स्वतंत्रता की बहस: इस घटना ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं के बीच संतुलन पर एक नई बहस छेड़ दी है। कुछ का मानना है कि शर्मिष्ठा की टिप्पणियां उनकी निजी राय थीं, जबकि अन्य इसे सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा मानते हैं।
शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं?
  • पृष्ठभूमि: शर्मिष्ठा पनोली पुणे के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल में BBA LLB (Hons.) की चौथे वर्ष की छात्रा हैं। वह मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली हैं।
  • सोशल मीडिया उपस्थिति: उनके इंस्टाग्राम और X पर 80,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह अक्सर राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करती हैं और देशभक्ति से प्रेरित पोस्ट साझा करती हैं।
  • विवाद: शर्मिष्ठा पहले भी अपने कट्टर बयानों और मजबूत भाषा के लिए चर्चा में रही हैं, खासकर पाकिस्तान और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर।
निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक संवेदनशीलता और कानूनी कार्रवाई के बीच जटिल रिश्ते को उजागर किया है। हालांकि उन्होंने माफी मांग ली, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत उनकी हिरासत और कोर्ट में सुनवाई जारी है। यह मामला न केवल भारत में सोशल मीडिया के उपयोग और इसके प्रभावों पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे एक टिप्पणी सामाजिक और राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post