जब पूरी दुनिया ने मुंह मोड़ा, तब महावीर बसोया ने थामा इंसानियत का हाथ
जब पूरी दुनिया ने मुंह मोड़ा, तब महावीर बसोया ने थामा इंसानियत का हाथ
रिपोर्ट: दैनिक पड़ताल ब्यूरो, कालकाजी – दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव कालका गाड़ी में रहने वाले महावीर बसोया किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे वर्षों से गौ सेवा, पक्षी सेवा, और ज़रूरतमंदों की सहायता जैसे कार्यों में निस्वार्थ भाव से लगे हुए हैं। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान बनी कोरोना काल में निभाई गई वो सेवा, जिसे याद करके आज भी लोगों की आंखें नम हो जाती हैं।
जब कोविड महामारी ने पूरे देश और दुनिया को झकझोर दिया था… जब इंसान अपने परायों से भी दूर भाग रहा था… जब अपनों ने भी अंतिम संस्कार से कन्नी काट ली थी… उस अंधकार भरे समय में महावीर बसोया एक प्रकाश की किरण बनकर सामने आए।
उन्होंने उन बेसहारा मृतकों का संस्कार अपने हाथों से किया, जिनके पास कोई कंधा देने वाला नहीं था। ना जाति देखी, ना धर्म – बस इंसानियत को धर्म माना। उनकी इस पहल ने न केवल दिल्ली को, बल्कि पूरे देश को इंसानियत का असली चेहरा दिखाया।
महावीर बसोया की इस निःस्वार्थ सेवा को वे आज भी निरंतर जारी रखे हुए हैं। वह आज भी गायों की सेवा करते हैं, घायल पक्षियों का इलाज कराते हैं, और लावारिस लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
आज, उनके इन्हीं अद्भुत कार्यों को सम्मान देने के लिए, ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा यूनिवर्सिटी के अब्दुल कलाम ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में, उन्हें "फ्यूचर लाइन टाइम्स" अखबार द्वारा सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह फ्यूचर लाइन टाइम्स के नवम स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
यह सम्मान न सिर्फ महावीर बसोया के लिए, बल्कि हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो चुपचाप समाज सेवा करता है।
दैनिक पड़ताल की पूरी टीम महावीर बसोया को दिल से नमन करती है और आशा करती है कि समाज को ऐसे और भी सच्चे सेवक मिलते रहें।
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