पुलिसकर्मी अंकित तोमर की शहादत: गाजियाबाद के बहादुर हीरो की कहानी

पुलिसकर्मी अंकित तोमर की शहादत: गाजियाबाद के बहादुर हीरो की कहानी


17 मई 2025 को, गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय ने यातायात पुलिस के समर्पित आरक्षी 1648 अंकित तोमर की असामयिक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया। कौशाम्बी क्षेत्र में हिंदन नहर में डूब रही एक महिला को बचाने के वीरतापूर्ण प्रयास के दौरान उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई। इस हृदय विदारक घटना ने पुलिस विभाग और उनके द्वारा सेवा किए गए समुदाय में एक अपूरणीय क्षति छोड़ दी है। गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय और पूरे पुलिस परिवार ने पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को कंधा देकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
घटना का विवरण: एक नायक का बलिदान
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना दोपहर में उस समय हुई जब 23 वर्षीय महिला आरती ने कथित तौर पर वैशाली के सेक्टर 2/5 पुलिया के पास हिंदन नहर में छलांग लगा दी, जिसका कारण घरेलू विवाद बताया जा रहा है। पास में ड्यूटी पर तैनात आरक्षी अंकित तोमर और यातायात उप-निरीक्षक (टीएसआई) धर्मेंद्र पंवार ने महिला को पानी में संघर्ष करते देखा। बिना किसी हिचकिचाहट के, दोनों अधिकारियों ने महिला को बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी, जो उनकी असाधारण बहादुरी को दर्शाता है।
रस्सियों और राहगीरों की मदद से आरती को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन नहर की गहरी कीचड़ और मिट्टी ने अंकित तोमर को जकड़ लिया। अग्निशमन अधिकारियों और दो घंटे की बचाव कार्रवाई के बावजूद, उन्हें बचाया नहीं जा सका। उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि उथले पानी और भारी कीचड़ ने इस दुखद परिणाम में योगदान दिया, क्योंकि तोमर को तैरना नहीं आता था और वह कीचड़ से निकलने में असमर्थ रहे।
उप पुलिस आयुक्त (ट्रांस-हिंदन) निमिष पाटिल ने विवरण की पुष्टि करते हुए कहा, “यातायात उप-निरीक्षक धर्मेंद्र और आरक्षी अंकित तोमर, जो पास में ड्यूटी पर थे, तुरंत आरती को बचाने के लिए नहर में कूद गए। आरती को सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन तोमर नहर की कीचड़ में फंस गए।”
कौन थे आरक्षी अंकित तोमर?
28 वर्षीय आरक्षी अंकित तोमर ने 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। अलीगढ़ जिले के बरोला जफराबाद के मूल निवासी, वह पिछले दो वर्षों से गाजियाबाद यातायात पुलिस में सेवा दे रहे थे। अपनी कर्तव्यनिष्ठा और जनसुरक्षा के प्रति समर्पण के लिए जाने जाने वाले तोमर की निस्वार्थ बहादुरी ने उनके सहयोगियों और समुदाय पर अमिट छाप छोड़ी है।
उनके बलिदान की व्यापक प्रशंसा हो रही है, और पुलिस विभाग, स्थानीय निवासियों, और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से श्रद्धांजलि की बाढ़ आ गई है। गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय ने उनकी मृत्यु को विभाग के लिए “अपूरणीय क्षति” करार दिया, और उनके साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण को रेखांकित किया।
आधिकारिक श्रद्धांजलि और राजकीय सम्मान
गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय, पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में, ने आरक्षी अंकित तोमर को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी। उनके पार्थिव शरीर को पुलिस परिवार द्वारा कंधा दिया गया, और इस दौरान भावुक दृश्य देखने को मिले। पुलिस आयुक्त ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उनके बलिदान को हमेशा याद रखने का वचन दिया।
समुदाय और पुलिस का दुख
अंकित तोमर की मृत्यु ने न केवल पुलिस विभाग को, बल्कि पूरे गाजियाबाद समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोग उनके साहस और निस्वार्थता की प्रशंसा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “अंकित तोमर जैसे वीरों की वजह से हम सुरक्षित हैं। उनका बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करेगा।” उत्तर प्रदेश पुलिस (
@Uppolice
) ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया और उनके परिवार को समर्थन देने का आश्वासन दिया।
निष्कर्ष: एक सच्चा नायक
आरक्षी अंकित तोमर की कहानी साहस, कर्तव्य, और बलिदान की मिसाल है। एक अनजान महिला की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करने वाला यह नायक हमेशा गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में अमर रहेगा। उनकी मृत्यु ने हमें यह याद दिलाया है कि हमारे पुलिसकर्मी कितने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।
गाजियाबाद पुलिस आयुक्तालय और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का वादा किया है। हम सभी इस वीर सपूत को नमन करते हैं और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।

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