गाजियाबाद में नोएडा के फेज-3 थाने के सिपाही की गोली मारकर हत्या, बदमाश कादिर को पकड़ने गई थी टीम
25 मई 2025 की देर रात, गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में एक दुखद घटना घटी, जिसमें नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ कुमार देशवाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। नोएडा के फेज-3 थाने और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम कुख्यात अपराधी कादिर उर्फ मंटा को पकड़ने गई थी। कादिर, जो नाहल गांव का निवासी है, के खिलाफ लूट, चोरी, हमला, गैंगस्टर एक्ट और पशु तस्करी जैसे 24 से अधिक मामले नोएडा और गाजियाबाद में दर्ज हैं।
पुलिस ने कादिर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जब टीम उसे लेकर गांव से निकल रही थी, तभी रात करीब 12:30 बजे पंचायत भवन के पास कादिर के 8-10 साथियों और परिजनों ने पुलिस पर हमला कर दिया। हमलावरों ने पथराव शुरू किया और गोलीबारी की, जिसमें सिपाही सौरभ के सिर में गोली लगी। उन्हें तुरंत नेहरू नगर के यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हमले में दो-तीन अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए, जिनका इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
सिपाही सौरभ के बारे में
सौरभ कुमार देशवाल, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के बदेउ गांव के निवासी थे। वे 2016 में पुलिस में भर्ती हुए थे और नोएडा में उनकी पहली तैनाती थी। नोएडा कमिश्नरेट बनने के बाद वे स्पेशल स्टाफ और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) में कार्यरत थे। 2019 में उनकी शादी हुई थी, और वे अपनी पत्नी के साथ नोएडा के सेक्टर-122 में रहते थे। सौरभ अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते थे और कई बार सम्मानित हो चुके थे। हमले के दौरान उन्होंने अकेले ही हमलावरों का सामना किया, जिससे उनकी टीम सुरक्षित स्थिति ले सकी। ऑपरेशन से पहले उन्होंने अपनी पत्नी को बताया था कि वे सुबह 3 बजे तक लौट आएंगे।
अपराधी कादिर के बारे में
कादिर उर्फ मंटा, खुरशिद का बेटा, एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ नोएडा और गाजियाबाद में 16 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसका नाहल गांव में तीन मंजिला मकान है, जो कथित तौर पर अपराध से कमाए धन से बनाया गया। हमले के बाद कादिर अपने साथियों के साथ फरार हो गया था, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने उसे बाद में एक मुठभेड़ में दोबारा गिरफ्तार कर लिया। उसके अन्य साथियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
कादिर उर्फ मंटा, खुरशिद का बेटा, एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ नोएडा और गाजियाबाद में 16 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसका नाहल गांव में तीन मंजिला मकान है, जो कथित तौर पर अपराध से कमाए धन से बनाया गया। हमले के बाद कादिर अपने साथियों के साथ फरार हो गया था, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने उसे बाद में एक मुठभेड़ में दोबारा गिरफ्तार कर लिया। उसके अन्य साथियों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
- तत्काल कार्रवाई: घटना के बाद गाजियाबाद और नोएडा पुलिस की भारी टुकड़ी नाहल गांव में तैनात की गई। स्थिति को नियंत्रित करने और आगे की हिंसा रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।
- कानूनी कार्रवाई: नोएडा के फेज-3 थाने के सब-इंस्पेक्टर सचिन की शिकायत पर मसूरी थाने में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जांच गाजियाबाद के डीसीपी (ग्रामीण) सुरेंद्र नाथ तिवारी की देखरेख में चल रही है।
- आगे की कार्रवाई: पुलिस ने गांव को घेर लिया है और कादिर के साथियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
आधिकारिक बयान
- डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी: उन्होंने पुष्टि की कि नोएडा पुलिस को कादिर के नाहल गांव में होने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर यह ऑपरेशन चलाया गया। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- एसीपी राजीव नारायण मिश्रा: बताया कि बाकी संदिग्धों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं।
समुदाय और पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
सौरभ की शहादत से पुलिस विभाग और शामली जिले में शोक की लहर है। उनके सहयोगियों और स्थानीय लोगों ने उनकी बहादुरी को सलाम किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों ने दुख और गुस्सा जाहिर किया है। कुछ यूजर्स ने सौरभ के शव को ऑटो-रिक्शा में ले जाने की आलोचना की, इसे एक शहीद के प्रति सम्मान की कमी बताया।
नाहल गांव का परिदृश्य
नाहल गांव को पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। गांव तक पहुंचने का रास्ता एक नहर के किनारे की तंग और कच्ची सड़क है, जो पुलिस ऑपरेशनों को मुश्किल बनाता है। डेढ़ साल पहले भी नाहल गांव में नोएडा पुलिस पर इसी तरह का हमला हुआ था, जिससे इस क्षेत्र में कानून प्रवर्तन की चुनौतियां उजागर होती हैं।
नाहल गांव को पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। गांव तक पहुंचने का रास्ता एक नहर के किनारे की तंग और कच्ची सड़क है, जो पुलिस ऑपरेशनों को मुश्किल बनाता है। डेढ़ साल पहले भी नाहल गांव में नोएडा पुलिस पर इसी तरह का हमला हुआ था, जिससे इस क्षेत्र में कानून प्रवर्तन की चुनौतियां उजागर होती हैं।
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