राजस्थान: चांदी के कड़ों के लिए मां की चिता पर लेटा बेटा, अंतिम संस्कार में डाला खलल, 12 दिन बाद वायरल हुआ वीडियो

 राजस्थान: चांदी के कड़ों के लिए मां की चिता पर लेटा बेटा, अंतिम संस्कार में डाला खलल, 12 दिन बाद वायरल हुआ वीडियो
x

जयपुर, राजस्थान: राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के विराट नगर तहसील में स्थित लीला का बास की ढाणी में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया। एक बेटे ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के दौरान चांदी के कड़ों की मांग को लेकर चिता पर लेटकर हंगामा किया, जिससे अंतिम संस्कार में देरी हुई। यह घटना 3 मई 2025 को हुई थी, लेकिन इसका वीडियो अब 12 दिन बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना ने न केवल पारिवारिक विवादों को उजागर किया, बल्कि संपत्ति के लालच के कारण इंसान के नैतिक पतन को भी सामने लाया।

घटना का पूरा विवरण
लीला का बास की ढाणी निवासी भूरी देवी, पत्नी स्वर्गीय छीतरमल रेगर, का 3 मई 2025 को निधन हो गया। भूरी देवी के सात बेटे हैं, जिनमें से छह बेटे एक साथ रहते हैं, जबकि सातवां बेटा, ओमप्रकाश, अपने भाइयों से अलग रहता है। परिवार में पहले से ही संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था, जो भूरी देवी के निधन के बाद और भी गहरा गया।
जब भूरी देवी का निधन हुआ, तो उनके आभूषण, जिसमें चांदी के कड़े भी शामिल थे, उतारकर परिवार के सबसे बड़े बेटे गिरधारी को सौंप दिए गए। इसके बाद, भूरी देवी के शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया। इस दौरान ओमप्रकाश भी अपने परिवार के साथ मौजूद था। उसने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट तक चुपचाप साथ गया। लेकिन जब ग्रामीणों ने चिता सजाकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की, तो ओमप्रकाश ने अचानक बवाल शुरू कर दिया।
चिता पर लेटकर किया हंगामा
श्मशान घाट पर चिता तैयार होने के बाद, जब भूरी देवी के शव को चिता पर रखने की बारी आई, तो ओमप्रकाश ने चांदी के कड़ों की मांग शुरू कर दी। उसने चिता पर लेटकर हंगामा शुरू किया और मांग की कि मां के चांदी के कड़े उसे दिए जाएं। इस दौरान उसने चिता पर शव रखने से रोक दिया, जिससे वहां मौजूद ग्रामीणों और रिश्तेदारों में हड़कंप मच गया।
लगभग दो घंटे तक यह हंगामा चलता रहा। ग्रामीणों और परिवार के अन्य सदस्यों ने ओमप्रकाश को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। उसका कहना था कि चांदी के कड़े उसका हक हैं और वह बिना कड़े लिए अंतिम संस्कार नहीं होने देगा। आखिरकार, परिवार के एक सदस्य को मजबूरन घर भेजा गया, जहां से चांदी के कड़े लाए गए। ये कड़े श्मशान घाट पर ही ओमप्रकाश को सौंपे गए, जिसके बाद उसने चिता से हटने की सहमति दी और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी।
परिवार में पहले से चल रहा था विवाद
जानकारी के अनुसार, भूरी देवी के पति छीतरमल की मृत्यु दो साल पहले हो चुकी थी। उनके सात बेटों में से ओमप्रकाश, जो पांचवें नंबर का बेटा है, अपने भाइयों से अलग रहता था। परिवार में संपत्ति के बंटवारे को लेकर पहले से ही तनाव था, और यह विवाद भूरी देवी के निधन के बाद और भी उग्र हो गया। ओमप्रकाश का मानना था कि मां के आभूषणों में उसका भी हिस्सा है, और इसी लालच ने उसे मां के अंतिम संस्कार में हंगामा करने के लिए प्रेरित किया।
12 दिन बाद वायरल हुआ वीडियो
यह पूरी घटना 3 मई 2025 को हुई थी, लेकिन इसका वीडियो अब 12 दिन बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि ओमप्रकाश चिता पर लेटा हुआ है और चांदी के कड़ों की मांग कर रहा है। इस वीडियो ने न केवल स्थानीय समुदाय में बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। लोग इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि संपत्ति का लालच इंसान को इतना असंवेदनशील बना सकता है कि वह अपनी मां के अंतिम संस्कार में भी बाधा डाले।
सामाजिक और नैतिक सवाल
इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। संपत्ति और आभूषणों के लालच ने परिवार के रिश्तों को किस हद तक तार-तार कर दिया है, यह इस घटना से साफ हो जाता है। श्मशान घाट जैसे पवित्र स्थान पर, जहां लोग अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई देने आते हैं, वहां इस तरह का व्यवहार न केवल परिवार की छवि को धूमिल करता है, बल्कि समाज के सामने भी एक गलत उदाहरण प्रस्तुत करता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस घटना ने पूरे गांव को शर्मसार किया है। कई लोगों ने ओमप्रकाश के व्यवहार की निंदा की है, जबकि कुछ का कहना है कि परिवार में चल रहे संपत्ति विवाद को पहले ही सुलझा लिया जाना चाहिए था, ताकि ऐसी स्थिति उत्पन्न न होती।

यह घटना न केवल कोटपूतली-बहरोड़ के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है। यह दर्शाता है कि लालच और संपत्ति के विवाद रिश्तों को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। भूरी देवी के निधन के बाद उनके बेटे का व्यवहार न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने रिश्तों और नैतिक मूल्यों को संपत्ति से ऊपर रखना चाहिए।

स्रोत: यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों, स्थानीय पत्रकारों की रिपोर्ट, और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर संकलित की गई है।
क्रेडिट: न्यूज डेस्क, स्थानीय पत्रकार, और सोशल मीडिया स्रोत।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त की गई है। हम किसी भी तरह के कॉपीराइट उल्लंघन का समर्थन नहीं करते। यदि किसी व्यक्ति या संगठन को इस सामग्री से आपत्ति है, तो कृपया हमें सूचित करें।

Post a Comment

Previous Post Next Post