व्यापारियों ने व्यापार व व्यापारिक संबंधित विभिन्न समस्याओं पर जिलाधिकारी से विस्तृत चर्चा की !

व्यापारियों ने व्यापार व व्यापारिक संबंधित विभिन्न समस्याओं पर जिलाधिकारी से विस्तृत चर्चा की !



नोएडा, 03 सितंबर 2025: नोएडा के व्यापारी समुदाय ने मंगलवार देर शाम जिलाधिकारी मेधा रूपम के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में अपनी समस्याओं को जोर-शोर से उठाया। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल (नोएडा इकाई) के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में व्यापारियों ने शहर के विभिन्न बाजारों में व्याप्त समस्याओं को सामने रखा। इनमें सेक्टर 12 के वेंडर जोन की अव्यवस्था, हरौला डिवाइडर निर्माण, जलभराव, सड़कों की खराब स्थिति, मोबाइल सिग्नल की कमजोरी, आवारा कुत्तों का आतंक और जीएसटी स्लैब के बावजूद कंपनियों द्वारा कीमतें बढ़ाने जैसे गंभीर मुद्दे शामिल थे। जिलाधिकारी ने इन सभी समस्याओं को गंभीरता से सुना और त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।
बैठक में क्या हुआ?नोएडा के सेक्टर 5 में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की इस बैठक में शहर के प्रमुख व्यापारी नेता शामिल हुए। चेयरमैन नरेश कुच्छल और अध्यक्ष राम अवतार सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने अपनी चिंताओं को बारीकी से पेश किया। बैठक का माहौल गंभीर लेकिन उम्मीदों से भरा था। व्यापारियों ने न केवल अपनी समस्याओं को गिनाया, बल्कि उनके समाधान के लिए व्यावहारिक सुझाव भी दिए।जिलाधिकारी मेधा रूपम ने सभी बिंदुओं को ध्यान से सुना और उन्हें आधिकारिक मिनट्स में दर्ज करवाया। उन्होंने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि प्रशासन इन मुद्दों को प्राथमिकता देगा और संबंधित विभागों को तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। बैठक में मौजूद व्यापारियों ने जिलाधिकारी के संवेदनशील और सकारात्मक रवैये की सराहना की।नोएडा के व्यापारियों की प्रमुख समस्याएं
  1. सेक्टर 12 वेंडर जोन की अव्यवस्था: सेक्टर 12 में वेंडर जोन की स्थिति बदहाल है। अनियोजित तरीके से सड़कों पर लगने वाले स्टॉल्स से न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है। व्यापारियों ने मांग की कि वेंडर जोन को व्यवस्थित किया जाए ताकि बाजार में सुगमता बनी रहे।
  2. हरौला डिवाइडर निर्माण का विरोध: हरौला में प्रस्तावित डिवाइडर निर्माण का व्यापारियों ने कड़ा विरोध किया। उनका कहना है कि यह निर्माण बाजार तक ग्राहकों की पहुंच को और मुश्किल बना देगा, जिससे छोटे व्यापारियों की आय पर असर पड़ेगा।
  3. जलभराव और नालों का अधूरा कार्य: बारिश के मौसम में नोएडा के कई बाजार जलभराव की समस्या से जूझते हैं। नालों की सफाई और अधूरे निर्माण कार्य इस समस्या को और गंभीर बनाते हैं। व्यापारियों ने इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
  4. FNG एक्सप्रेसवे और बरौला एलिवेटेड रोड की खराब स्थिति: छिजारसी में FNG एक्सप्रेसवे की सड़क बार-बार टूटने से व्यापारियों और ग्राहकों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा, बरौला एलिवेटेड रोड के नीचे गड्ढों ने दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा दिया है।
  5. मोबाइल सिग्नल की कमजोरी: नोएडा के कई व्यावसायिक क्षेत्रों में मोबाइल सिग्नल की समस्या व्यापारियों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन व्यापार के इस दौर में यह एक गंभीर मुद्दा है।
  6. आवारा कुत्तों का आतंक: नोएडा के बाजारों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या ने व्यापारियों और ग्राहकों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। हाल ही में सेक्टर-110 में एक गंभीर घटना ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया था।
  7. जीएसटी स्लैब और मूल्य वृद्धि: व्यापारियों ने शिकायत की कि कम जीएसटी स्लैब के बावजूद कई कंपनियां उत्पादों की कीमतें बढ़ा रही हैं, जिससे छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस पर नियामक कार्रवाई की मांग की।
लोकल एंगल: नोएडा के व्यापारियों की जायज मांगेंनोएडा, उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र है, जहां छोटे-बड़े व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। लेकिन, बुनियादी ढांचे की कमी और प्रशासनिक लापरवाही ने इन व्यापारियों के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सेक्टर 12 जैसे व्यस्त बाजार क्षेत्रों में अनियोजित वेंडर जोन और जलभराव की समस्या ने व्यापार को प्रभावित किया है। हरौला डिवाइडर निर्माण जैसे कदम, जो प्रशासन के लिए विकास का प्रतीक हो सकते हैं, स्थानीय व्यापारियों के लिए ग्राहकों की पहुंच में बाधा बन रहे हैं।आवारा कुत्तों की समस्या नोएडा में नई नहीं है। हाल ही में नोएडा प्राधिकरण ने इस दिशा में 15 दिन का प्लान शुरू किया है, जिसमें शेल्टर में कुत्तों का टीकाकरण और प्रशिक्षण शामिल है। लेकिन व्यापारियों का कहना है कि यह कदम पर्याप्त नहीं है। मोबाइल सिग्नल की कमजोरी जैसे मुद्दे नोएडा जैसे आधुनिक शहर के लिए शर्मिंदगी का कारण हैं, खासकर जब डिजिटल इंडिया का नारा जोर-शोर से गूंज रहा है।मेरा विश्लेषण: व्यापारियों की आवाज को सुनने की जरूरतनोएडा के व्यापारियों की समस्याएं केवल स्थानीय स्तर की नहीं हैं, बल्कि ये देश के छोटे व्यापारियों की व्यापक चुनौतियों का प्रतिबिंब हैं। ऑनलाइन व्यापार और बड़े रिटेल चेन के बढ़ते दबदबे के बीच छोटे व्यापारी पहले ही दोहरी मार झेल रहे हैं। ऐसे में, बुनियादी सुविधाओं की कमी और प्रशासनिक उदासीनता उनकी मुश्किलें और बढ़ा रही हैं।जिलाधिकारी मेधा रूपम का सकारात्मक रुख इस दिशा में एक उम्मीद की किरण है। उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई का वादा और समस्याओं को मिनट्स में दर्ज करने का कदम दर्शाता है कि प्रशासन इस बार गंभीर है। लेकिन, यह जरूरी है कि यह भरोसा कागजों से निकलकर धरातल पर दिखे। उदाहरण के लिए, FNG एक्सप्रेसवे और बरौला रोड की मरम्मत के लिए समयबद्ध योजना बननी चाहिए। वेंडर जोन को व्यवस्थित करने के लिए स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर एक मॉडल तैयार किया जा सकता है, जो ग्राहकों और स्ट्रीट वेंडर्स दोनों के लिए सुविधाजनक हो।आवारा कुत्तों की समस्या के लिए नोएडा प्राधिकरण को अपने 15 दिन के प्लान को और व्यापक करने की जरूरत है। साथ ही, मोबाइल सिग्नल की समस्या के लिए टेलीकॉम कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा। जीएसटी स्लैब और मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर एक जांच समिति बनानी चाहिए, ताकि छोटे व्यापारियों पर अनुचित बोझ न पड़े।आगे की राहयह बैठक नोएडा के व्यापारियों के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला श्रम अधिकारी (डीएलसी) राकेश द्विवेदी को इन समस्याओं की समीक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। व्यापारियों को उम्मीद है कि यह पहल केवल कागजी न रहकर वास्तविक बदलाव लाएगी।नोएडा के व्यापारी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनकी समस्याओं का समाधान न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे शहर की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए जरूरी है। प्रशासन को चाहिए कि वह व्यापारियों के साथ नियमित संवाद बनाए रखे और उनकी मांगों को प्राथमिकता दे।संपर्क में रहें: नोएडा के ताजा समाचार और अपडेट के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। क्या आप भी व्यापारी हैं और इन समस्याओं से जूझ रहे हैं? अपनी राय और सुझाव हमें कमेंट में बताएं।(लेखक: कुलदीप हौहान)

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