महाराणा प्रताप जयंती पर साहिबाबाद में क्षत्रिय समाज का भव्य समारोह, गणमान्य अतिथियों ने की शिरकत
साहिबाबाद। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी की जयंती के पावन अवसर पर साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया स्थित मिराया होटल में क्षत्रिय समाज द्वारा एक भव्य व गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में समाज के सैकड़ों सम्मानित पुरुषों एवं महिलाओं ने सहभागिता निभाई और वीरता, स्वाभिमान तथा आत्मगौरव के प्रतीक महाराणा प्रताप को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश पुलिस में कार्यरत एसीपी आदरणीया लक्ष्मी चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेत्री आदरणीया ठाकुर रीता सिंह, राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर देवेंद्र सिंह राणा, ठाकुर वीरेंद्र सिंह (बृज विहार) और भाजपा के पूर्व निगम पार्षद (साहिबाबाद) शामिल हुए। सभी अतिथियों ने महाराणा प्रताप के जीवन आदर्शों और उनके बलिदान को याद करते हुए समाज को एकजुट रहने और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का संदेश दिया।
एसीपी लक्ष्मी चौहान ने कहा कि महाराणा प्रताप का जीवन आज भी पुलिस बल सहित हर नागरिक के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने वीरता के साथ-साथ न्याय और मर्यादा का जो उदाहरण पेश किया, वह युगों-युगों तक स्मरणीय रहेगा। भाजपा नेत्री ठाकुर रीता सिंह ने क्षत्रिय समाज की संगठित शक्ति को राष्ट्र के लिए उपयोगी बताते हुए सामाजिक सहभागिता और नेतृत्व की आवश्यकता पर बल दिया।
राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष कुंवर देवेंद्र सिंह राणा ने अपने संबोधन में कहा कि महाराणा प्रताप का गौरवशाली इतिहास नई पीढ़ी तक पहुँचना चाहिए और इसके लिए समाज को निरंतर सक्रिय रहना होगा। ठाकुर वीरेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में भारी संख्या में क्षत्रिय समाज की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आयोजकों और उपस्थित जनसमूह का आभार जताया।
भाजपा के पूर्व निगम पार्षद (साहिबाबाद) तेजपाल सिंह राणा ने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में आत्मबल और एकजुटता का संदेश जाता है। महाराणा प्रताप की जयंती केवल एक परंपरा नहीं बल्कि अपने गौरव, इतिहास और पहचान को याद करने का अवसर है। उन्होंने क्षत्रिय समाज से आह्वान किया कि वह अपनी सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक भूमिका को दृढ़ता से निभाए।
कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित लघु नाट्य मंचन, गीत एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को भक्ति और प्रेरणा से सराबोर कर दिया। अंत में सभी विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए और समाज की एकता, संस्कृति की रक्षा तथा राष्ट्र सेवा की सामूहिक प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।