हरियाणा के अटेरना गांव की प्रीति चौहान ने UPSC में पाई 140वीं रैंक, नोएडा में रहकर की तैयारी

 हरियाणा के अटेरना गांव की प्रीति चौहान ने UPSC में पाई 140वीं रैंक, नोएडा में रहकर की तैयारी

हरियाणा के अटेरना गांव की प्रीति चौहान ने UPSC में पाई 140वीं रैंक, नोएडा में रहकर की तैयारी

नोएडा | दैनिक पड़ताल डॉट कॉम
हरियाणा के सोनीपत जिले के छोटे से गांव अटेरना की बेटी प्रीति चौहान ने UPSC 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया 140वीं रैंक हासिल की है। यह सफलता सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्रेरणा बन चुकी है।

गांव अटेरना से नोएडा तक का संघर्ष और सफलता का सफर

प्रीति चौहान का जन्म हरियाणा के अटेरना गांव में हुआ। उनके पिता राजेन्द्र सिंह उन्हें बेहतर भविष्य की तलाश में बचपन में ही नोएडा ले आए थे। यहीं से उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही प्रीति ने 12वीं में 95% अंक प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से केमिस्ट्री ऑनर्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

ट्यूशन और यूट्यूब बना UPSC की तैयारी का सहारा

प्रीति ने सीमित संसाधनों के बावजूद हार नहीं मानी। उन्होंने खुद पर भरोसा किया और घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया ताकि खुद की पढ़ाई और तैयारी का खर्च निकाला जा सके। उन्होंने एक एजुकेशनल यूट्यूब चैनल भी शुरू किया जिसमें विज्ञान के जटिल विषयों को सरल और सहज भाषा में समझाया जाता था। उनका यह प्रयास न केवल विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित हुआ बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया।

प्रेरणा बना परिवार

प्रीति की माँ मधुबाला एक गृहिणी हैं और पिता राजेन्द्र सिंह नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत हैं। तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी प्रीति ने अपने परिवार की उम्मीदों को न सिर्फ पूरा किया बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम भी रोशन किया।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल

आज जब कई लड़कियाँ संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को पीछे छोड़ देती हैं, ऐसे में प्रीति चौहान एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उन्होंने यह दिखा दिया कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती।


दैनिक पड़ताल की खास टिप्पणी:

प्रीति चौहान की सफलता यह संदेश देती है कि संघर्ष और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है। उनके प्रयासों से यह भी साबित होता है कि डिजिटल युग में यूट्यूब और ऑनलाइन माध्यम कैसे एक अभूतपूर्व साधन बन सकते हैं।


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