"मामूरा में खुला नाला बना हादसों की वजह – जिम्मेदारों की चुप्पी क्यों?"

"मामूरा में खुला नाला बना हादसों की वजह – जिम्मेदारों की चुप्पी क्यों?"

आज सुबह मामूरा, गली नंबर 2 – एसबीआई बैंक के सामने एक दुखद घटना सामने आई। रोज की तरह एक मेहनती जूस वाले ने रातभर की तैयारी के बाद सुबह-सुबह अपनी रेडी लगाई थी। उसका इरादा था लोगों को ताजा जूस पिलाने का, लेकिन नियति ने कुछ और ही लिख रखा था।

बैंक के सामने एक छोटा लेकिन खतरनाक नाला है, जिसकी लोहे की जालियां कई महीने पहले टूट चुकी हैं और अब तक वहां दोबारा नहीं लगाई गईं। नतीजा – वो नाला खुला पड़ा है और हर दिन किसी न किसी को चोट पहुंचा रहा है। दोपहिया वाहन, स्कूली बच्चे, बुज़ुर्ग और अब एक मेहनती जूस वाला भी उसकी चपेट में आ गया।

आज सुबह जूस वाले की थैली, जिसमें सारा सामान था, उस खुले नाले में गिर गई। न सिर्फ सामान खराब हुआ बल्कि उसकी रेडी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
उसका दर्द सुनकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो उठे। उसने बताया –
"कल रात तैयारी की थी, सुबह कमाई की उम्मीद थी… लेकिन सब चला गया। अब 10 दिन तक भी ये नुकसान नहीं भर पाएगा।"

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस नाले की हालत को लेकर कई बार नोएडा प्राधिकरण को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

यहां ये कहना गलत नहीं होगा कि विकासशील कहे जाने वाले नोएडा में, गांवों की अनदेखी कहीं न कहीं चिंताजनक है।
सवाल यह नहीं है कि गलती किसकी है, सवाल यह है कि समस्या की जानकारी होते हुए भी समाधान क्यों नहीं हुआ?
जब तक छोटी-छोटी ज़रूरतों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक किसी भी क्षेत्र का विकास अधूरा है।

हम उम्मीद करते हैं कि नोएडा प्राधिकरण इस मामले को गंभीरता से लेगा, और जल्द ही इस नाले को ढकने की कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों।

आपसे गुजारिश है कि इस रिपोर्ट को आगे शेयर करें, ताकि ज़िम्मेदारों तक यह आवाज़ पहुंचे।
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