राणा सांगा जयंती पर आगरा में उमड़ा स्वाभिमान – करणी सेना ने किया 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' का आयोजन

 

राणा सांगा जयंती पर आगरा में उमड़ा स्वाभिमान – करणी सेना ने किया 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' का आयोजन








📅 12 अप्रैल 2025 | आगरा, उत्तर प्रदेश
✍️ रिपोर्ट: Dainik Padtaal संवाददाता

आगरा के एतमादपुर में आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब राणा संग्राम सिंह (राणा सांगा) की 543वीं जयंती के अवसर पर करणी सेना द्वारा 'रक्त स्वाभिमान सम्मेलन' का भव्य आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में करणी सेना के साथ-साथ क्षत्रिय महासभा, हिंदू सनातन सभा, और अन्य सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम में करीब 2 लाख से अधिक लोगों की भीड़ उमड़ी, जिनमें से कई युवा पारंपरिक राजपूताना वेशभूषा और हाथों में तलवारें लिए नज़र आए। माहौल पूरी तरह स्वाभिमान और सांस्कृतिक गर्व से ओत-प्रोत था।


🚨 रामजी लाल सुमन के बयान पर विरोध का स्वर

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था – समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को 'गद्दार' कहे जाने के विरोध में स्वाभिमान की आवाज़ बुलंद करना। यह टिप्पणी 21 मार्च को राज्यसभा में दी गई थी, जिसके बाद करणी सेना और क्षत्रिय समाज ने सुमन से सार्वजनिक माफ़ी की मांग की।

हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के समर्थन के बाद रामजी लाल सुमन ने माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया, जिससे क्षत्रिय संगठनों में नाराजगी और बढ़ गई।


🔒 प्रशासन हाई अलर्ट पर

इस सम्मेलन और संभावित विरोध को देखते हुए आगरा पुलिस प्रशासन ने हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। सांसद रामजी लाल सुमन के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही शहर के कई मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया।

🛑 करणी सेना का रुख स्पष्ट

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज पाल अम्मू ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य समाज को जागरूक करना है, न कि उग्रता फैलाना।
वहीं करणी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत ने चेतावनी दी कि अगर माफ़ी नहीं मांगी गई, तो सांसद के घर का सांकेतिक घेराव किया जाएगा।

🏅 सम्मेलन में करणी योद्धाओं का सम्मान

कार्यक्रम के मंच पर राणा सांगा की प्रतिमा स्थापित की गई और कई करणी योद्धाओं को सम्मानित भी किया गया। आयोजकों ने साफ कहा कि यह मंच राजनीतिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक था।


📌 Dainik Padtaal की राय:
इतिहास से जुड़े महान योद्धाओं का सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे में राजनीति और समाज को संयम से काम लेना चाहिए ताकि देश की एकता और गरिमा बनी रहे।


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