📰 गरीबी की गलियों से यूपी बोर्ड टॉपर बनने तक का सफर – महक जायसवाल की प्रेरणादायक कहानी
लेखक – DainikPadtaal टीम | स्थान – प्रयागराज | तारीख – 04/04/2025
✨ “मेहनत कभी बेकार नहीं जाती, बस वक्त आने दो…”
कुछ कहानियाँ दिल को छू जाती हैं। कुछ चेहरे उम्मीद बन जाते हैं। और कुछ बच्चे अपने पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। महक जायसवाल भी ऐसी ही एक कहानी हैं, जिन्होंने यूपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 97.2% अंक प्राप्त करके प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। लेकिन इस सफलता के पीछे सिर्फ नंबर नहीं हैं, बल्कि संघर्ष, आंसू, तपस्या और दृढ़ संकल्प की पूरी दुनिया छिपी है।
👧 महक कौन हैं?
महक प्रयागराज की रहने वाली हैं। उनके पिता एक छोटी सी चाय की दुकान चलाते हैं। माँ गृहिणी हैं। घर में सीमित आमदनी और ढेर सारी जिम्मेदारियाँ हैं। फिर भी महक ने कभी हालात से हार नहीं मानी।
“पापा सुबह 5 बजे उठकर चाय की दुकान लगाते थे और मैं उसी वक्त पढ़ाई शुरू कर देती थी। कई बार भूखे पेट पढ़ा, लेकिन हौसला कभी कम नहीं हुआ।” – महक
📚 पढ़ाई का जुनून – किताबें बनीं साथी
महक ने कभी ट्यूशन नहीं लिया। उनके पास मोबाइल या लैपटॉप तक नहीं था। जो कुछ भी उन्होंने सीखा, वो स्कूल की किताबों और लाइब्रेरी से था। दोस्तों से नोट्स उधार लेना, रात-रात भर जागकर पढ़ना और हर विषय को आत्मसात करना – ये ही उनका रूटीन था।
हर दिन उन्होंने 6-8 घंटे नियमित पढ़ाई की, और परीक्षा के दिनों में तो ये समय और भी बढ़ गया।
🏆 सफलता का क्षण – जब सपना हकीकत बना
जब परिणाम आया और पता चला कि महक ने 97.2% अंक के साथ पूरे यूपी में टॉप किया है, तो पूरा मोहल्ला तालियों से गूंज उठा। घर के बाहर मिठाइयाँ बंटी, लेकिन असली खुशी उनके माता-पिता की आंखों में दिखाई दी।
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी इतना बड़ा नाम करेगी। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम ‘महक के पापा’ हैं।” – महक के पिता
🎯 आगे का सपना – एक अफसर बनकर समाज के लिए काम करना
महक का सपना है कि वह आगे चलकर IAS अफसर बने। उनका मानना है कि सिर्फ अपनी जिंदगी बदलना काफी नहीं है, बल्कि समाज के उन बच्चों को भी मौका देना चाहिए जो सपनों की उड़ान भरने से पहले ही हालातों से हार मान लेते हैं।
“मैं एक ऐसा अफसर बनना चाहती हूँ जो गाँव-गाँव जाकर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करे।” – महक
🙏 समाज के लिए संदेश – गरीबी रुकावट नहीं, प्रेरणा हो सकती है
महक की कहानी हमें ये सिखाती है कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी हालात हमें रोक नहीं सकते। उनका जीवन उन लाखों बच्चों के लिए उम्मीद की किरण है जो आर्थिक तंगी, संसाधनों की कमी और सामाजिक दबाव के बावजूद अपने सपनों का पीछा करना चाहते हैं।
💬 dainikpadtaal.com की ओर से सलाम
Dainik Padtaal की पूरी टीम की ओर से महक जायसवाल को ढेरों शुभकामनाएँ। आप जैसे बच्चों की वजह से भारत का भविष्य उज्ज्वल है। आप सभी पाठकों से निवेदन है कि इस कहानी को अपने बच्चों और दोस्तों तक पहुँचाएँ, ताकि कोई भी बच्चा हालात से हार मानने की बजाय महक जैसी मिसाल से प्रेरणा ले सके।